मुखौटा

Rupesh Ranjan
Aug 27, 2023

आओ, एक मुखौटा पहन लें |
मैं अपना असली चेहरा छुपा लूँ,
तुम अपना असली चेहरा छुपा लेना |
मैं तुम्हें हँसता नज़र आऊं,
तुम मुझे हँसते नज़र आना |
तुम और कुछ नहीं, बस,
मेरे लिए एक मुखौटा ले आओ |

आओ, एक मुखौटा पहन लें |
मैं अपने घाव छुपा लूँ,
तुम अपने चेहरे के भाव छुपा लेना |
मैं तुम्हें मुकम्मल नज़र आऊं,
तुम मुझे क़ामिल नज़र आना |
तुम अगली मर्तबा जब मिलने आना ,
तो, मेरे लिए एक मुखौटा लेते आना |

पर, जब तुमसे रूबरू होऊंगा,
एक पल, एक दिन के लिए नहीं
शायद, ताउम्र ये मुखौटा हटा लूंगा |
तुम्हारे साथ मुझे मुखौटे की जरूरत नहीं,
मैं हक़ीक़ी में जीना चाहता हूँ तुम्हारे साथ |
आओ, अब ये मुखौटे हटा लें |

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Rupesh Ranjan

I am driven to write, because it’s the only way to keep things alive. Everything else fades away, dies eventually, not words though.