मुलाक़ातें
Nov 23, 2022
वो बिछड़े मोहब्बतों के,
फिर कभी ना मिले |
गली से जाते तो देखा,
उस दिन सफ़ेद से
उन कपड़ों में सिले |
उनके घर से भी कई दफा गुजरे,
ना कोई आवाज़ आयी उनकी
और, ना कोई फूल कभी खिले |
वो बिछड़े मोहब्बतों के,
फिर जनाजों पर ही मिले |
वो बिछड़े मोहब्बतों के,
फिर कभी ना मिले |
गली से जाते तो देखा,
उस दिन सफ़ेद से
उन कपड़ों में सिले |
उनके घर से भी कई दफा गुजरे,
ना कोई आवाज़ आयी उनकी
और, ना कोई फूल कभी खिले |
वो बिछड़े मोहब्बतों के,
फिर जनाजों पर ही मिले |
I am driven to write, because it’s the only way to keep things alive. Everything else fades away, dies eventually, not words though.